खड़गपुर , खरीदा रेल गेट बहाल रखने की मांग पर तृणमूल की ओर से खरीदा में प्रतिवाद सभा की गई। देबाशीष चौधरी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि ” खरीदा गेट के बंद होने पर खरीदा , छत्तीसपाडा , भगवानपुर व मलिंचा वासियों की समस्या में बढोत्तरी होगी . रेल द्वारा महज कुछेक कर्मचारी कम करने के मकसद को पूरा करने के लिए उठाए गए कदम से , खड़गपुर वासियों को परेशानी होगी। मलिचा रोड पर 10-12 बैंक , 8-10 स्कूल , डाकघर व नर्सिंगहोम हैं , विशाल अबादी वास करती है . एक तरीके से यह सडक खड़गपुर की जीवनरेखा – सी है . अतः इसे बंद न किया जाय ” इस संदर्भ में एक ज्ञापन भी दिया जाएगा. रेल प्रशासन के अनुसार ओवरब्रिज बनाने की शर्त ही यही थी कि दोनों रेल गेट बंद कर दी जाएगी और वह बंद होगा ही सिर्फ एप्रोच रोड बन जाने की देर है . “
इधर आंदोलन से जुडे नेतृत्व के बयान अनुसार – ” यदि अनुरोध न स्वीकार किया गया और मांग ना मानी गई तो प्रभावित लोग रेल अवरोध की राह भी लेंगे . ” रेल शहर खड़गपुर में बीते 12 जनवरी के दिन गिरी मैदान संलग्न ओवरब्रीज के उद्घाटन के दिन से गिरी मैदान संलग्न रेलगेट बंद कर दी गई औेर ब्रीज की लगने वाली सर्विस रोड का निर्माण कार्य सम्पूर्ण होते ही खरीदा रेल गेट भी बंद कर दी जाएगी ऐसी खबर पाकर मलिंचा , खरीदा व खरीदा संलग्न इलाके के लोग पेश आने वाली परेशानियों को नजर में रखते हुए चिंतित हैं इस विषय पर आमरा बामपंथी नामक नागरिक मंच अनिल दास के नेतृत्व में आंदोलन रत है।