✍️ रघुनाथ प्रसाद साहू/9434243363
खड़गपुर, खड़गपुर नगरपालिका के चेयरमैन प्रदीप सरकार के इस्तीफे पर बीते कई दिनों से शुरु हुए कयास सोमवार को भी जारी रहा। सोमवार को टीएमसी के जिला संयोजक अजित माईति ने पत्रकारों को बताया कि प्रदीप को इस्तीफा सौंप देने को कह दिया गया है व आज नहीं तो कल इस्तीफा सौंप देंगे। पर पता चला है कि प्रदीप का इस्तीफा तो सोमवार को नहीं आय़ा हांलाकि वह केंद्रीय नेतृत्व से मिलने फिरकोलकाता चले गए जिसके कारण उसके इस्तीफे पर दिन भर सस्पेंस बना रहा। प्रदीप ने कहा कि अभिषेक व फिरहाद से उसकी बातचीत हुई है वे उनसे संतुष्ट है पार्टी उसे नई जिम्मेदारी सौंपना चाहती है व वे पार्टी के लिए काम करेंगे उन्होने कहा कि जब पार्षद उसके पक्ष में नहीं है तो वे खुद इस्तीफा दे देना चाहते हैं हांलाकि तय समय पर प्रतिक्रिया ना देते हुए कहा कि उसका कुछ काम बच गया है जिसे पूरा करते ही वे इस्तीफा सौंप देंगे।
ज्ञात हो कि खड़गपुर पौरसभा के तृणमूल के विक्षुब्ध गुट वर्तमान पौरप्रधान के विरुद्ध शीर्षस्थ नेतृत्व को शिकायत पत्र देकर बदलाव की मांग की गई थी. इस पर शीर्षस्थ नेतृत्व जब तक फैसला ले व जब तक मांग की पूर्ति हो व पौरप्रधान बदला जाए तब तक विक्षुब्ध गुट ने पौरसभा कार्यालय न जाने का निर्णय लिया था सोंमवार को भी नगरपालिका में उपपौरपिता तैमूर अली खान तो दिखे पर उसने भी मामले में प्रतिक्रिया ना देते हुए कहा कि पार्टी मामले पर निर्णय लेगी। नतीजतन पौरसभा में कामकाज बाधित देखी जा रही है . जिला नेतृत्व से मिलकर चर्चा के दौरान विक्षुब्ध गुट यह पूरी तरह स्पष्ट कर दिया था कि वे पौरप्रधान प्रदीप को और पद पर देखने को तैयार नहीं हैं उनके शिकायत अनुसार प्रदीप पार्षदों के साथ न सिर्फ दुर्व्यवहार और अपमान ही करते है बल्कि हर मामले में एकाधिकार और मनमानी भी चलाते हैं. जिसे लेकर विक्षुब्ध गुट काफी आक्रोशित व खिन्न हैं. जानकारों के अनुसार विक्षुब्धों के स्टैंड से पौर प्रधान भी दबाव में आ गए इस मुद्दे पर पूछे जाने पर पौर प्रधान प्रदीप ने अपना पक्ष रखते हुए कहा- ” कई अराजनैतिक लोग पार्षद बने हैं जो बडी़ रकम हाथ आने की उम्मीद पाल रखे थे लेकिन केंद्र सरकार द्वारा फंड एलॉट न किए जाने के कारण फंड नही मिल रहा है और मैं उन पार्षदों को फंड दे नही पा रहा हूं . जिससे उनकी मेरे प्रति गलत धारणा बन रही है . साथ ही मेरे विरुद्ध खडे़ पार्षदों में सभी मेरे खिलाफ भी नही हैं . कुछ लोगों को धमका कर , तो कुछ लोगों को अर्थिक लोभ-लालच देकर विक्षुब्ध दल भारी कर रहे हैं इसके पीछे कोई बडा़ षडयंत्र भी हो सकता है उन्होने आगे कहा जिन्हें मैं स्थान देकर सहयोग किया वे जब मेरे खिलाफ हुए तो दुःख तो हुआ। अब देखना है कि प्रदीप का इस्तीफा कब तक हो पाता है।