आईआईटी खड़गपुर में राष्ट्रीय एकता पर्व- कला उत्सव – 2022 का आयोजन , साझा संस्कृति को बढ़ावा देना लक्ष्य

केन्द्रीय विद्यालय क्रमांक 1 आई.आई.टी खड़गपुर में संकुल स्तरीय राष्ट्रीय एकता पर्व ( एक भारत श्रेष्ठ भारत एवं कला उत्सव) 2022 को आयोजन किया गया l सुबह दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया इस कार्यक्रम में खड़गपुर संकुल के आठ केन्द्रीय विद्यालयों के प्रतिभागियों ने अपनी प्रस्तुतियाँ दी ।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रोफेसर श्री अमरनाथ सामंता (रसायन अभियांत्रिकी विभाग आईआईटी खड़गपुर ) थे।प्राचार्य श्री संतोष कुमार बल ने मुख्य अतिथि व निर्णायक मण्डल को बैज और ग्रीन पॉट देकर स्वागत किया ।

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अपने स्वागत भाषण में सभी अतिथियों व विद्यार्थियों को कला उत्सव और राष्ट्रीय पर्व के महत्व और आवश्यकता पर प्रकाश डाला।विद्यालय की बालिकाओं ने समूहगीत व समूह नृत्य प्रस्तुत किया।

इस कला उत्सव में संकुल के सभी आठ केंद्रीय विद्यालयों के प्रतिभागियों ने समूह नृत्य, एकल नृत्य, ड्रामा विजिवल आर्ट, शास्त्रीय संगीत, लोक संगीत,नृत्य वाद्ययन्त्र वादन आदि बालक बालिका प्रथक प्रथक वर्ग ,22 प्रस्तुतियां संपन्न हुई ।
मुख्य अतिथि प्रौ. अमरनाथ सामंता ने अपने आशीर्वचन में सभी का उत्साह वर्धन किया तथा कला उत्सव का हमारे लिए क्या महत्त्व पर अपने विचार प्रस्तुत संदेश दिया कि हमें एक दूसरे की भाषा संस्कृति रीति रिवाज का सम्मान करना चाहिए हार जीत का महत्व नहीं हमें सकारात्मक सोच से हमेशा आगे बढ़ते रहना चाहिए उसके बाद दिन भर विभिन्न कार्यक्रम चलते रहे
शाम कार्यक्रम का समापन समारोह किया गया । श्रीमती अमृता चंद ने समापन भाषण प्रस्तुत किया । निर्णायक मंडल के सदस्य श्री रंजन कुमार, श्रीमती रूपा दास ने आज के कार्यक्रम के अनुभव और कला उत्सव से क्या सीखना चाहिए इस बारे में अभी को बताया। एस्कॉर्ट टीचर मिल्लि तांती , अजित कुमार आदि ने अपने अनुभव साझा किए प्राचार्य महोदय ने आज की प्रतियोगिताओं का परिणाम घोषित किया। सभी विजेताओं को एवं प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए तथा आशीर्वचन वे प्रतिभागियों को बधाई दी।

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उप प्राचार्य श्री चंद्रशेखर सिंह ने कार्यक्रम की सफलता के लिए सभी का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि बंगाल व बिहार का फेयर बनाया गया था जिसमें बंगाल के बच्चों ने बिहार की सांस्कृतिक विविधताओं कों प्रतियोगिता के माध्यम से अवगत कराया है जबकि बिहार के लोगों ने बंगाल का उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रयास से बच्चे शुरू से ही एक दूसरे की साझा संस्कृति से अवगत होंगे व राष्ट्रीयता की भावना बढ़ेगी।

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