✍ रघुनाथ प्रसाद साहू/9434243363
खड़गपुर। कंसावती नदी में डूब कर हुई रेलकर्मी तापस दास उर्फ तापू की मौत के मामले में रेल प्रशासन ने तीन सदस्यीय जांच कमेटि गठित कर दी है. खड़गपुर रेल मंडल के पीआरओ राजेश कुमार ने बताया कि तापस की मौत की जांच के लिए जोनल लेवल पर तीन सदस्यीय कमेटि गठित की गई है जिसमें सहायक आपरेशन मैनेजर, एईएन व सहायक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर होंगे। राजेश कुमार ने बताया कि घटना के वक्त कुल 6 कर्मी काम कर रहे थे जिसमें से पांच लोग बायी ओर चले गए जबकि तापस दास दायीं ओर चला गया जिसके बाद नदी में गिर जाने से हादसा हुआ। राजेश कुमार ने कहा कि कमेटि कैसे घटना हुई कहां क्या गलती हुई सभी विषय़ों की विस्तृत जांच कर समय पर अपना रिपोर्ट देगी जिसके बाद उस पर कार्ऱवाई की जाएगी। सीनियर डीसीएम राजेश कुमार ने कहा कि घटना से वे मर्माहत है व मृतक हमारे रेल परिवार का सदस्य होने के कारण मामले में सहानुभुति हैं।
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मामले की जांच में जुटी है पुलिसः ओसी मो आसिफ सनी
खड़गपुर ग्रामीण थाना पुलिस ने मो आसिफ ने बताया कि घटना के वक्त पांच लोगों के होने की जानकारी है जिसमें से चार लोग ट्रैकमेन के लिए बने खोखे में चले गए जबकि एक फंस गया। अभी तक नदी में गिर जाने की बात सामने आई है मामले की जांच चल रही है। आसिफ ने बताया कि कल घटना के बाद लगभग ग्यारह बजे पहले सिविल डिफेंस की टीम की मदद ली गई व दोपहर 2 बजे एनडीआऱएफ की टीम को खबर देने पर उसने कमान संभाला कल देर रात तापस का खोज नहीं मिलने पर शुक्रवार की सुबह 6.05 में तापस की लाश तैरते मिली।
तापस की शव मिलने के बाद अंत्यपरीक्षण करा दी गई भावभीनी विदाई
शुक्रवार की सुबह तापस की लाश मिलते ही उसके मौत की पुख्ता होने पर खरीदा स्थित उसके आवास शोकाकुल हो गया। एनडीआऱएफ की टीम ने शव को नदी से बरामद कर पुलिस को सौंपने पर पुलिस शव का अंत्यपरीक्षण करा परिजन को सौंप दिया जिसके बाद तीसरे पहर स्थानीय मंदिर तालाब घाट में उसका दाह संस्कार कर दिया गया। इस दौरान तापू को अंतिम विदाई देने लोगों की भारी भीड़ उमड़ी। इलाके के लोगों का कहना है कि तापू हंसमुख व सहयोगी स्वभाव का था। तापस अपने पीछे पत्नी दो बेटियां व विधवा मां को छोड़ गए ज्ञात हो कि तापस के बड़े भाई व उसका परिवार भी विलास मोड़ में संयुक्त परिवार में रहता है।
दीघा से आई एनडीआरएफ की टीम ने संभाला कमान : एनडीआरएफ इंस्पेक्टर सहदेव
एनडीआरएफ के इंसपेक्टर सहदेव ने बताया कि गुरुवार को दोपहर दो बजे घटना की खबर मिलने पर दीघा से टीम मूव किया व शाम से रात रात दस बजे तक अभियान चला लेकिन आज सुबह 6 बजकर 10 मिनट में शव मिलने पर स्थानीय पुलिस को सौंप दिया सहदेव का कहना है कि जहां शव मिली वहां पर दस से पंद्रह मीटर तक पानी लेवल था व सतह में कीचड़ था जाहिर है उसी में फंस जाने के कारण शव मिलने में देर हुई आज सुबह पानी में उतराते हुए शव मिला।
20 घंटे बाद मिला तापस का शव, मातम
ज्ञात हो कि गुरुवार को सुबह लगभग दस बजे तापस उस वक्त नदी से गिर पड़ा जब वहां से आरण्यक एक्सप्रेस मेदिनीपुर की ओर जा रही थी आखिरकार बीस घंटे के बाद तापस की शव को बरामद कर लिया गया। घटना से रेल नगरी में शोक व्याप्त है।