रघुनाथ प्रसाद साहू/9434243363
खड़गपुर, सन 95 से लगातार वार्ड 10 पर कब्जा किए कांग्रेस के निवर्तमान चित्तरंजन मंडल पर चौथी बार जीतने की चुनौती है। चित्तरंजन मंडल खुद तीन बार के पार्षद रहे हैं व एक बार पत्नी चुनाव जीती है जबकि टीएमसी के निरुपमा माईति भी सन 05 से 10 तक पार्षद रही। रिटायर्ड शिक्षक चित्तरंजन मंडल का कहना है कि वह घर घर जाकर प्रचार में जोर दे रहे हैं।
चित्तरंजन मंडल का कहना है कि इस बार जीत कर आए तो खिदिरपुर से रेशमी फैक्ट्री तक जाने वाली सड़क निर्माण उसकी प्राथमिकता होगी।
पेयजल समस्या को दूर करना चाहता है बी हरीश
टीएमसी प्रत्याशी बी हरीश का कहना है कि वार्ड 10 में पेयजल संकट काफी गंभीर है व वे जीत कर आएंगे तो सबसे पहले पेयजल की समस्या पर काम करना चाहेंगे हरीश का मानना है कि लंबे समय तक कांग्रेस के कब्जे में रहने के बाद भी काफी काम बाकी है। निचले इलाकों जैसे माठपाड़ा, आदिवासी पाड़ा में जलनिकासी समस्या है कई इलाकों में गंदगी समस्या है, सड़कें खराब है स्वीपर सफाई में काफी कम आते हैं।
उसका कहना है बांग्ला आवास योजना सहित अन्य योजनाओं में भेदभाव बरती गई ग्रेजुएट तक पढ़ाई किए 42 वर्षीय हरीश भंडारी आटोमोबाईल में काम करते हैं जबकि पत्नी बीडीओ कार्यालय में ठेकेदार के अधीन कार्य करती है जबकि हरीश का एक पुत्री है। हरीश मलिंचा माता मंदिर से जुड़े हैं व उसे उम्मीद है लोग बदलाव के लिए उसे वोट देंगे।
केंद्रीय योजनाओं का क्रियान्वयन में भेदभाव हुई भाजपा नेत्री मौसमी दास
अपने प्रचार मे जुटी मौसमी का कहना है कि इलाके में पेयजल, जलनिकासी व खराब सड़कें प्रमुख समस्या है। अगर वह जीती तो मूलभूत नागरिक सुविधाएं लोगों को बिना भेदभाव के मुहैया कराएगी।
भाजपा महिला मोर्चा खड़गपुर शहर उत्तर मंडल की अध्यक्षा मौसमी दास का के पति सुमन दास रेलवे में लोको पायलट है व स्टार युनिट क्लब के सचिव है उच्चमाध्यमिक तक पढ़े मौसमी की एक बेटी है जो कि कक्षा नौंवी में पढ़ती है।
73 वर्षीय चित्तरंजन मंडल को इस बार त्रिकोणीय मुकाबले में टीएमसी व भाजपा दे रही है टक्कर अब देखना है मास्टर अपने वार्ड पर कब्जा बरकरार रखते हैं या लोग बदलाव के लिए वोट देते हैं।
निवर्तमान पार्षद चित्तरंजन मंडल ने स्वीकार किया कि शास्त्री व शिवनगर में स्टाफ की कमी के कारण स्वीपर सप्ताह में एक बार जाते हैं। उन्होने कोरोना काल में लोगों से दूर रहने के आरोप पर कहते हैं स्वास्थय व उम्र के कारण वह जरुर खुद नहीं गए पर उसके कार्यकर्ता जनसंपर्क में थे। हाउस फार आल स्कीम में भेदभाव को इंकार करते हुए कहते हैं पहले दो चरणों में 35-35 तीसरे में लगभग 40 घर बने व चौथे चरण के लिए लगभग 40 लगों केघरों के लिए आवेदन प्रस्तावित है। चित्तरंजन मंडल का कहना है उसे बीते सात साल में लगभग 30 लाख रु ही मिले इसके अलावा कोई फंड नहीं मिला। ज्ञात हो कि चित्तरंजन मंडल बढ़ती उम्र के कारण इस बार चुनावी मैदान में कूदने के मूड में नहीं थे उनका कहना है कि पार्टी व समर्थकों के दबाव के कारण चुनाव मैदान में उतरना पड़ा। लगभग 10 हजार की आबादी वाले वार्ड में लगभग सात हजार वोटर है।