Site icon Kgp News

मेरी हिंदी बनेगी विश्व की बिंदी

 

मेरी हिंदी बनेगी विश्व की बिंदी

वो दिन अब दूर नहीं,
कि दुनियाँ हिन्दी अपनाएगी,
बनेगी सिरमौर मेरी हिंदी!
मानवता के गीत गायेगी,
एक सौं पैंतीस करोड़ हैं भारत की जनता
जब मिलकर हिंदी अपनाएगी
सोचो! और कौनसी भाषा –
इसके आगे टिक पाएगी?
होगा व्यवहार मेरा हिन्दी में,
हम हिन्दी में ही लिखेंगे!
विश्वास रखों! हे माँ!!
राष्ट्रभाषा नहीं, तुझे विश्वभाषा बनाएंगे!
अपनी आभा से संसार को हम
आलोक से भर देंगे,
आरती करेगी तेरी दुनियाँ
जश्न-ए-दीपक जलायेंगे!
कोयल भी चहकेगी हिंदी में,
चाँद पूनम का भी होगा हिंदी!
संतोष होगा तुझे माँ हिंदी,
मेरी हिंदी बनेगी विश्व के माथे की बिंदी!!

डॉ पंढरीनाथ पाटील ‘शिवांश’
‘एबल’ काव्यसंग्रह से संकलित

 

Exit mobile version