✍रघुनाथ प्रसाद साहू
खड़गपुर, कभी नशे के गिरफ्त में होने के कारण घर से निकाले जाने के बाद फुटपाथ में दिन काटने वाले रघुनंदन आज नशेड़ियों के लिए ना सिर्फ मोटिवेशनल वक्ता है पुनर्वासन केंद्र व वृद्धाश्रम चला रहे हैं। खड़गपुर के सतकुई में वृद्धाश्रम चला रहे रघुनंदन हाल्दार का कहना है कि 2005 में एमबीए की पढ़ाई करने के बाद वे पूरी तरह ड्रग्स की गिरफत में आ चुके थे जिसके कारण उसे निजी कंपनी के सहायक निदेशक की नौकरी गंवानी पड़ी थी। इंदा के कमला केबिन के रहने वाले रघुनंदन को मां भी घर से निकाल दिया था। शादी की वह भी नहीं चला फुटपाथ में इधर उधर विचरते।
रघुनंदन का कहना है कि एक समय मौत भी नजदीक दिखाई दे रहा था जिसके बाद लोकनाथ बाबा उसके स्वपन में आए व उन्होने नशा छोड़ने व लोगों के लिए जीवन समर्पित करने की ठानी। प्रेमबाजार के फा संगठन से जुड़े फिर चांपदानी में लोगों के सथ मिलकर नशेडियों के लिए पुनर्वास केंद्र खोले आखिरकार खड़गपुर के सतकुई में पारुल वेल्फेयर सोसयाटी बना भाड़े का घर लेकर वृद्धाश्रम सन 21 से चला रहे हैं व पुनर्वास केंद्र भी जल्द खोलने वाले हैं। रघुनंदन का कहना है लोगों के पास आज समय की कमी है ऐसे लोग अपने वृद्ध मां पिता को उसके आश्रम में दे जाते हैं व नामिनल खर्च वे वृद्धो की सेवा करते हैं इसके लिए आया व सहयोगी भी रखे हुए हैं जो लोग वृद्दों की सेवा करते हैं व समय पर खाना व दवा खिलाते हैं। रघुनंदन का कहना है उन्होने आरएमपी की पढ़ाई की है व आसपास के गांव के लोगों का ना सिर्फ मुफ्त इलाज करते हैं गरीब बच्चो को ट्यूशन भी दिलाते हैं। रघुनंदन का कहना है कि मां से संबंध ठीक है व छोटा भाई निजी कंपनी में काम करते हैं पर वह खुद अपने आश्रम में ही रहते हैं रघुनंदन का कहना है लोगों की सेवा अब उसकी प्राथमिकता है।
Raghunandan, who runs the old age home, wants to dedicate his life for society, plan to open a rehabilitation center for drug addict
Raghunandan, who once spent days on the pavement after being evicted from the house due to drug addiction, is not only a motivational speaker for the addicts but is also running a rehabilitation center and old age home. Raghunandan Haldar, who is running an old age home in Satkui, Kharagpur, says that after completing his MBA in 2005, he was completely addicted to drugs, due to which he had to lose his job as an assistant director, in a private company. Raghunandan, a resident of Inda’s Kamala cabin, was also thrown out of the house by his mother. His marriage also not last too long. , Raghunandan said that at one time he was faded with his life one day Loknath Baba came in his dream and he decided to gave up drugs and dedicated life for the people. He was associated with the Fera organization of Prembazar, then opened rehabilitation centers for drug addicts in Champdani, finally Parul Welfare Society in Kharagpur’s Satkui. Society is running old age home for last one yr in a rented house and rehabilitation centers are also going to open soon. Raghunandan said that people have no time, such people gave their old parents to their ashram and they serve the old people with nominal expenses. Raghunandan says that he has studied RMP and not only gives free treatment to the people of the surrounding villages, parul society also provides tuition to poor children. Raghunandan said that the relation with the mother is fine and his younger brother worked in a private company, but he is dedicated to his old age ashram. Raghunandan says that serving poor & needy people is his priority now.