खड़गपुर। साल 2015 में 4 जनवरी के दिन पूर्व मेदिनीपुर जिले के चंडीपुर में चल रहे एक सभा के दौरान तत्कालीन तृणमूल के युवा सभापति व मुख्यमंत्री के भतीजे अभिषेक बनर्जी को चांटा मारने के कारण प्रकाश में आया था तमलुक का 32 वर्षीय युवक देबाशीष आचार्य। घटना के बाद देबाशीष की गिरफ्तारी हुई थी लेकिन बाद में उसके परिजनों द्वारा माफी मांगने के बाद अभिषेक बनर्जी ने उसे माफ कर दिया था और उसकी जेल से रिहाई हो गई थी। अब बीते बुधवार को वही देबाशीष की मौत रहस्यमय परिस्थिति में एनएच 41 में हल्दीचक इलाके में दुर्घटना से हुई। उसके सिर व चेहरे पर चोट के कई निशान है। परिजनों का कहना है कि देबाशीष की हत्या हुई है। उसके दोस्तों ने बताया कि कल रात तीन लोग दो बाइक पर सवार होकर चाय पीने के लिए स्थानीय टोल प्लाजा के समीप एक चाय दुकान पर गए थे। वहीं पर देवाशीष को किसी का फोन आया और वह किसी से मिलने जा रहा है कहकर अपने दोस्तों को छोड़ वहां से निकल गया। बाद में बहुत देर तक नहीं लौटने व फोन स्विच ऑफ आने पर उसके दोस्त चाय दुकान में कहकर वापस घर आ गए। अगले दिन सुबह जब परिजनों ने बताया कि देबाशीष अभी तक घर नहीं लौटा है तो उसके दोस्त और परिजन सभी मिलकर उसे ढूंढने लगे व तमलुक थाने में शिकायत भी दर्ज कराई। तभी थोड़ी देर बाद पता चला कि तमलुक जिला अस्पताल में एक अज्ञात युवक का शव आया है जब परिजन शव की शिनाख्ती के लिए अस्पताल पहुंचे तो वह देबाशीष का ही शव था। अस्पताल के कर्मचारियों ने बताया कि भोर करीब चार बजे कुछ लोग इसे भर्ती कराकर गए थे उस वक्त तक देबाशीष जिंदा था लेकिन हालत बहुत ज्यादा खराब थी व थोड़ी देर बाद उसकी मौत हो गई। इधर परिजन यह मानने से इंकार कर रहे हैं कि देवाशीष की मौत सड़क दुर्घटना में हुई है। उनके अनुसार देवाशीष की हत्या की गई है। दरअसल 6 साल पहले हुए थप्पड़ कांड के बाद देबाशीष का नाम एबीभीपी के साथ जोड़ा जा रहा था व अब भी हुए विधानसभा चुनाव में देबाशीष भाजपा की ओर से सक्रीय भूमिका में था। भाजपाईयों का कहना है कि पुराने कांड को लेकर उसकी हत्या की गई है।