एक करोड़ की लाटरी लगने से किस्मत बदली, माओवाद से आत्मसमर्पण कर होमगार्ड बने थे यागेश्वर
KGP Desk
खड़गपुर। कभी एक समय माओवादी आंदोलन में सक्रीय भूमिका व फिर आत्मसमर्पण के बाद सरकारी होमगार्ड की नौकरी व अब नौकरी करते हुए एक करोड़ की लाटरी लगी शायद इसी को किस्मत बदलना कहते है। वाक्या झाड़ग्राम जिले के गोपीबल्लभपुर 1 नंबर ब्लाक के बेहेराघुटु गांव के रहने वाले योगेश्वर बेसरा नामक 28 वर्षीय युवक के साथ हुई। पता चला है कि यगेश्वर ने 30 रुपए किमत की पांच डीयर लाटरी खरीदी थी जिसमें उनको एक करोड़ का ईनाम लगा।
पज्ञात हो कि साल 2008 में यगेश्वर जंगलमहल के विकास के लिए माओवादियों के आंदोलन के साथ जुड़े थे व उस पर पुलिस थाने में कई मुकदमा भी दर्ज किया गया था व लेकिन बाद में साल 2014 में मुख्यमंत्री के आत्मसमर्पण के प्रस्ताव पर अमल करते हुए यगेश्वर ने आत्मसमर्पण कर दिया था जिसके बाद सरकार की ओर से उसे होमगार्ड की नौकरी दी गई थी। बाद में नौकरी मिलने पर उसने शादी कर ली थी व उसकी एक बेटी भी है। इधर वह लगभग साढ़े छह साल से झाड़ग्राम थाना में ही नौकरी कर रहा है। नौकरी के साथ साथ वह लगातार अपनी किस्मत आजमाने के लिए लाटरी टिकट लेता रहता था व आखिर उसकी किस्मत ने उसे करोड़पति बना ही दिया। एक करोड़ की लाटरी लगने के बाद यगेश्वर का पुरा परिवार बेहद खुश है। उसका कहना है कि लाटरी के पैसों से पक्का मकान बनावाएगा व परिवार से साथ बात कर बाकी पैसों का क्या करना है यह फैसला लेगा।