खड़गपुर। बंगाल विधानसभा के डेपुटी स्पीकर तथा झाड़ग्राम के विधायक सुकुमार हांसदा के शव के दाह संस्कार को लेकर विधायक के परिजनों व ग्रामवासियों के बीच खूब बवाल मच। बाद में विधायक के परिजनों द्वारा ग्रामवासियों को श्मशान के लिए 5 डेसीमल जमीन देने के वादे के बाद गांव वालों ने विधायक के शव को गांव में दाह संस्कार करने की अनुमति दी। दरअसल मामला यह है कि पिछले दिनों विधायक की कोलकाता के एक अस्पताल में मौत हो गई थी पता चला है कि वे कैंसर व कोविड जैसी घातक बीमारी से ग्रस्त थे। मौत के बाद परिजन उनके शव को झाड़ग्राम ले आए व अब शव के दाह संस्कार के लिए पहले झाड़ग्राम के दुबराजपुर के श्मशान ले जाने की योजना बनाई लेकिन फिर बाद में अंतिम संस्कार में किए जाने वाले नियमों के कारणवश शव को दुबराजपुर के श्मशान ना ले जाकर थोड़ी दूर विधायक की खरीदी हुई 5 एकड़ जमीन पर शव के अंतिम संस्कार करने का फैसला लिया गया। उसके तहत जब शव को वहां ले जाया गया तो स्थानीय गांव वालों ने वहां दाह संस्कार करने का विरोध किया व धमकी दी कि अगर जबरन दाह संस्कार करने की कोशिश की गई तो वे चिता पर पानी डाल देंगे। जिसके लिए कई महिलाएं वहां बाल्टी में पानी लेकर उपस्थित भी हो गई थी। गांव वालों का कहना था कि पहले इस जगह को श्मशान घोषित करना पड़ेगा तब जाकर वे अंतिम संस्कार होने देंगे। करीब छह घंटे विधायक के परिजनों व गांव वालों के बीच बहस चलने व जिलाशासक आर आयशा, एसपी भरत सिंह राठौर के गांववालों को समझाने के बाद भी नहीं माने तो अंत में परिजनों द्वारा उस जमीन को श्मशान के लिए दान करने के वादे के बाद गांव के लोगों ने विधायक का वहां पर दाह संस्कार होने दिया।