खड़गपुर। कोरोना पाजिटिव रोगी को अस्पताल प्रशासन की ओर से भर्ती लेने के बजाय घर पर ही आइसोलेशन में रहने को कहा गया बाद में 24 घंटों के भीतर रोगी कि मौत हो गई। घटना खड़गपुर ग्रामीण थाना इलाके के चकगणेश नामक गांव की है। पता चला है कि पिछले कुछ दिनों से गांव के 50 वर्षीय अधेड़ व्यक्ति को बुखार की शिकायत हो रही थी परिवार वालों द्वारा गांव में ही एक डाक्टर को दिखाने पर कोई फायदा ना होता देख उसे खड़गपुर शहर में एक फिजिशीयन के पास दिखाया गया जहां जांच के बाहर डाक्टर ने बताया कि मरीज के खुन में आक्सीजन की कमी है व उसे मेदिनीपुर मेडिकल कालेज जाने को कहा गया वहां ले जाने पर कोरोना टेस्ट किया गया जिसमें वह पाजिटिव पाया गया। वहां से डाक्टरों ने उसे आयुष अस्पताल भेज दिया। रोगी को वहां ले जाने पर बुखार के अलावा कोई और लक्षण ना दिखने पर डाक्टरों ने उसे जरुरी दवाइयों के साथ होम आइसोलेशन में ही रहने की सलाह दी। बाद में मरीज को घर ले आने के 24 घंटों के भीतर ही उसकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई सांस लेने में तकलीफ की शिकायत होने लगी जिसके बाद तुरंत उसे एंबुलेंस में सालबनी कोविड अस्पताल ले जाया गया लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया। अब रोगी की मौत पर सवाल अस्पताल प्रशासन पर उठ रहे है कि जब डाक्टरों को मालुम है कि कोरोना रोगियों के शरीर में आक्सीजन की कमी हो जाती है व उन्हें कृत्रिम आक्सीजन की जरुरत पड़ती है ऐसे में मरीज को अस्पताल में क्यों नही रखा गया।