Site icon Kgp News

खड़गपुर शहर कांग्रेस के अध्यक्ष होंगे अमल दास, रेल क्षेत्र की कमान डी एन सिंह को, चित्तो, मधु व तपन को भी मिली बड़ी जिम्मेदारी


                             रघुनाथ/तारकेश 
खड़गपुर : रेलनगरी खड़गपुर में  अस्तित्व की  लड़ाई लड़ रही कांग्रेस ने टाउन कमेटी में  व्यापक परिवर्तन किया है।खड़गपुर शहर कांग्रेस अमल दास को बनाया गया है जबकि चित्त मंडल उपाध्यक्ष पद सौंपा गया है। वयोवृद्ध नेता डी.एन सिंह को रेल क्षेत्र का  अध्यक्ष बना कर बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है पूर्व सभासद मधु कामी और तपन बोस को रेल क्षेत्र का उपाध्यक्ष बनाया गया है। सिंह ने फेरबदल की  बात स्वीकार करते हुए कहा कि जल्द ही इकाईयों और कार्यसमिति का  गठन किया जाएगा।

ज्ञात हो कि  रविवार को गोलबाजार राममंदिर में पार्टी की बैठक होगी जिसकी अध्यक्षता जिला कार्यकारी सभापति देबाशीष घोष करेंगे उक्त बैठक में ही औपचारिक घोषणा होगी। कांग्रेस के जिलाध्यक्ष सौमेन खां ने बताया कि नए कमेटि के लिए पीसीसी ने अनुमोदन कर दिया है देबांशु गांगुली को जिला उपाध्यक्ष बनाया गया है जबकि दामोदर राव को इंटक में दायित्व देंगे।ज्ञात हो कि अमल व सिंह देबांशु व दामोदर की जगह लेंगे।देवांशु गांगुली का कहना है कि सक्रिय ना होने के कारण पार्टी में फेरबदल व बैठक से वे अनभिज्ञ है।

देबाशीष घोष ने बताया कि फेरबदल सामान्य प्रक्रिया है निर्णय पहले ही ले लिया गया था व कोविड-19 के चलते बैठक मे कुछ विलंब हुई है उन्होने बताया कि पिछले कमेटि भी लगभग दो वर्षों का रहा है व नए  कमेटि भी उसी अवधि के लिए चुनी गई है। बता दें कि खड़गपुर करीब चार दशकों तक कांग्रेस का  गढ़  रहा है।

पार्टी के  पराभव का  सिलसिला 2010 में  हुए नगरपालिका चुनाव से हुआ . जब टीएमसी के  15 के  मुकाबले कांग्रेस केवल 12 सीटें ही जीत सकी . गठबंधन की  बदौलत पार्टी 2011 का  विधानसभा चुनाव तो जीत गई , लेकिन नाटकीय और विवादित घटनाओं की  वजह से 2015 में  भी उसका नगरपालिका में   बोर्ड गठन का सपना पूरा नहीं हो सका। 2016 के  विधानसभा चुनाव में  इस सीट पर भाजपा ने जीत का  परचम फहरा दिया।

कालक्रम में  नेताओं के  पाला बदल से पार्टी लगातार कमजोर होती गई।2019 के  उप चुनाव में  कार्यकर्ताओं को  जीत से वापसी की  उम्मीद थी जो पूरी नहीं हो पाई  हालांकि दलीय नेताओं का दावा है कि पार्टी शहरवासियों के  दिल में  है जल्दी ही परिस्थिति अनुकूल होगी अब देखना है कि वरिष्ठ नेताओं के हाथों कमान जाने के बाद पार्टी क्या चमत्कार करती है।

Exit mobile version