खड़गपुर। राज्य में लौटने कि इच्छा रखने वाले प्रवासी मजदूरों को सम्मानपूर्वक बंगाल में वापस लाने की व्यवस्था सुनिश्चित करें नहीं तो ये मजदूर एक दिन आपको ही प्रवासी बना देंगे कहकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर कटाक्ष किया है है भाजपा नेत्री व पूर्व आईपीएस भारती घोष ने। भारती ने वीडियो संवाद के माध्यम से उक्त बातें कहीं। भारती ने कहा कि मीडियाके माध्यम से पता चला है कि नोएडा से लखनऊ होते हुऐ पश्चिम बंगाल के 23 श्रमिक पैदल ही चलकर बंगाल आने के लिए निकले हुए है क्योंकि उन्हें पता है कि पश्चिम बंगाल से कोई ट्रेन उनको ले जाने नहीं आएगी। इसी तरह हजारों श्रमिक विभिन्न राज्य में फंसे हुए हैं लेकिन बंगाल सरकार उन्हें लाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं कर रही है व जो लोग अपना गाड़ी भाड़ा कर वापस आने की कोशिश कर रहे हैं उन्हें जांच, सुरक्षा इत्यादि का हवाला देकर राज्य की सीमा पर रोक दिया जा रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री से प्रश्न पूछा कि जो लोग राज्य में वापस आना चाहते है यह कौन लोग है यह हमारे अपने है जिन्हें बंगाल में काम ना मिलने पर दो वक्त कि रोटी जुटाने के लिए दूसरे राज्यों मे जाना पड़ता है। इसके अलावा उन्होने कहा कि जब ममता बनर्जी विपक्ष में थी तब उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार आने पर 6 महीने के भीतर में रोजगार के लिए कारखानों का निर्माण करवाएंगी लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने सिर्फ सिंगूर में टाटा का प्लांट तक लगने नहीं दिया। इसके अलावा उन्होंने बताता कि बीते 5 मई को उन्होनें प्रधानमंत्री को एक चिट्ठी लिखी थी। जिसमें घर लौटना मजदूरों का मौलिक अधिकार बताया था जिसके कुछ दिन के बाद केंद्र सरकार की ओर से श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने का फैसला लिया गया। इधर राज्य सरकार ने भी 30 दिन का श्रमिक स्पेशल ट्रेन की सूची जारी की लेकिन ट्रेन कहां कहां से चलेगी इसमें स्पष्ट कुछ भी लिखा नहीं गया साथ ही ट्रेन से लौटने वाले मजदूरों के लिए क्वॉरेंटाइन व अन्य व्यवस्थाएं कहां की जाएंगी यह भी कुछ नहीं बताया गया। उन्होंने बताया कि हमारे पड़ोस में झारखंड जैसे छोटे राज्य अपने लोगों को लाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है लेकिन बंगाल सरकार कोई भी प्रभावी प्रयास नहीं कर रही है। अगर सरकार का रवैया ऐसे ही रहा तो वह दिन दूर नहीं होगा जब राज्य के लोग ममता सरकार को ही प्रवासी बना देंगे।