तारकेश कुमार ओझा
खड़गपुर: मन में चाह हो तो राह निकल ही आती है , भले ही वह पहले असंभव सी जान क्यों न पड़े . खड़गपुर के बोगदा इलाके में स्थानीय व्यवसायी संतोष कुमार हलवासिया का सौजन्य बोध इस बात का जीवंत प्रमाण है . क्योंकि लॉक डाउन लागू होने के बाद से वे तकरीबन ३०० लोगों को रोज सुबह मुफ्त नाश्ता करा रहे हैं . मुश्किल नजर आने वाले इस कार्य में उनके सामने बाधाएं तो कई आईं , लेकिन सहृदयी लोगों की सहायता से वे लगातार अपने मिशन में जुटे हैं .
दरअसल खड़गपुर रेलवे स्टेशन के नजदीक बोगदा में चाय की दुकान चलाने वाले संतोष का झुकाव शुरू से सामाजिक कार्यो में रहा है . खास बात यह कि शहर में उनके असली नाम से लोग उन्हें कम ही जानते हैं . पता नहीं कैसे उनका नाम मारवाड़ी के तौर पर चर्चित हो गया . लॉक डाउन होते ही उनके जहन में ख्याल आया कि चाय – नाश्ते की दुकानें बंद रहने से लोगों को नाश्ता कैसे मिलेगा , खास तौर से असहाय – गरीबों को . लिहाजा उन्होंने अपनी दुकान में ही रोज सुबह नाश्ते का लंगर लगाना शुरू किया . सोशल डिस्टेंशिंग के नियमों का पालन करते हुए जो भी कतार में खड़े हो , उसे नाश्ता मिलना तय . लॉक डाउन शुरू होने से यह क्रम निर्बाध रूप से जारी है . रोज सुबह आठ बजे से मुफ्त वितरित इस नाश्ते का कोई तय मेनू नहीं है . कभी उपमा तो कभी कचौड़ी या पोहा . इस कार्य में प्रतिदिन तकरीबन तीन हजार रुपए के खर्च की बात मारवाड़ी कहते हैं . जबकि करीब तीन सौ लोगों को नाश्ता मिलता है . मनोहर गुप्ता , गोली और गोपी भाई , रंजन , छिटपुट चाचा , मारवाड़ी सेवा दल , पारस , राजू खटिक , अशोक राम , सुरेश , अनिल , कुनो , राजू , कालू , सोनू , अमित , कालू और कालिया आदि सहयोगियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए संतोष कहते हैं कि इनकी सहायता के बगैर यह कार्य असंभव था , कई बार लगा कि नाश्ता वितरण का यह कार्य स्थगित करना पड़ेगा , लेकिन मदद को हाथ बढ़ते रहे और हमारा सांझा चूल्हा अनवरत जलता रहा .