चार बसों से बिहार के नवादा के लिए रवाना हुए ईंट भट्टा श्रमिक, कंसावती नदी के किनारे खड़गपुर व मेदिनीपुर के ईंट भट्टे में काम करते थे मजदूर

खड़गपुर। कंसावती नदी के दोनों किनारे खड़गपुर व मेदिनीपुर के ईंट भट्टों में काम करने वाले बिहार के श्रमिकों ने वापस घर जाते वक्त हालात सामान्य होने पर लौटने का वादा किया। ज्ञात हो कि बिहार के नवादा व आसपास के इलाके के रहने वाले लगभग 400 श्रमिक अपने परिवार के साथ मेदिनीपुर के होसनाबाद व खड़गपुर ग्रामीण ब्लाक के बड़कोला व अन्य इलाकों में रहकर ईट भट्टों में काम किया करते थे लेकिन मार्च महीने से ही लॉक डाउन हो जाने की वजह से उनका कामकाज ठप पड़ गया। धीरे-धीरे उनके सारे पैसे भी खत्म हो गए। किसी तरह मजदूरों ने कभी मालिक से उधार लेकर तो कभी कुछ और तरीके से 2 महीने से अधिक समय तक अपने परिवार का पेट पाला।

लेकिन अब हालात उनके नियंत्रण से बाहर होने पर इन लोगों ने अपना गांव वापस जाने का सोचा। बंगाल व बिहार दोनों सरकारों से मदद कि गुहार लगाई गई। प्रशासन तक इनकी बात पहुंची तो इन्हे वापस बिहार भेजने का प्रबंध किया गया बिहार से आए चार बसों से श्रमिक अपने पत्नी, बच्चों सहित वापस लौटे। घर जाते वक्त मजदूरों ने कहा कि उनके पास दूसरा कोई रास्ता नहीं है गांव जाकर भी किस तरह अपने परिवार का पेट पालेंगे इसका उन्हें कोई अता पता नहीं है। श्रमिकों ने जाते वक्त रुंधे गले से इच्छा जताया कि अगर हालात सामान्य हुए तो वे रोजगार की तलाश में दोबारा वापस आएंगे।

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