रघुनाथ प्रसाद साहू
खड़गपुर। दक्षिण 24 परगना जिले के भांगड़ निवासी ओहिदुल अली मोल्ला व उसकी गर्भवती पत्नी नजीरा का जीवन आंध्र प्रदेश के ईंट भट्टा में हाड़तोड़ मेहनत करते हुए गुजर रहा था। लेकिन लाकडाउन ने वह भी छिन लिया नजीरा गर्भवती थी पौष्टिक आहार तो दूर पेट भरना मुश्किल हो रहा था आखिरकार दंपत्ति ने किसी भी तरह घर वापस आने की ठानी व अपने साथियों के साथ निकल पड़े कहीं पैदल चले तो कहीं वाहन से कुल सात वाहन बदल बदल कर ओहिदुल अपने पत्नी के साथ आज सुबह उड़ीसा-बंगाल अंतर-राज्यीय सीमा पार करने के बाद दांतन के सोनाकोनिया पहुंचे इन लोगों की टीम में कुल तीस लोग थे।।
बंगाल प्रशासन की ओर से भोजन उपलब्ध कराने के बाद अन्य दिनों की तरह प्रवासी श्रमिकों को खड़गपुर के इंडस्ट्रिअल पार्क लाना था जहां चिकित्सा जांच के बाद ये लोग घर के लिए रवाना होते पर सरकार की ओर से उपलब्ध कराए बसों में सवार किया जा हो रहे थे तभी लगभग दोपहर एक बजे अचानक नाजिरा को प्रसव पीड़ा हुआ तो तुरंत पुलिस जीप में दांतन ग्रामीण अस्पताल में नजीरा को भर्ती कराया गया जहां उसने दोपहर ढ़ाई बजे पुत्री को जन्म दिया। खड़गपुर के एसडीओ वैभव चौधरी व खड़गपुर के एएसपी काजी शमसुद्दीन अहमद अस्पताल में गए व जच्चा बच्चा के लिए सामान दिए व दंपत्ति को भरोसा दिलाया कि मात़ृ यान से उनलोगों को घर तक छोड़ा जाएगा।
ओहिदुल ने विपत्ति के समय तुरंत वाहन उपलब्ध कराने के लिए एडिशनल एसपी काजी शमसुद्दीन अहमद का आभार जताते हुए कहा कि वे लोग कभी प्रशासन की ओर से किए गए सहयोग भूल नहीं पाएंगे ओहिदुल का कहना है कि पुलिस की तुरंत सहायता नहीं मिल पाता तो वे शायद पत्नी के साथ अपने बच्ची को भी खो देता। इधर ईद में घर तक नहीं पहुंच पाई नजीरा की सारी पीड़ा उस वक्त ओझल हो गए जब एसडीओ व एएसपी ने उसके व उसके बच्चों के लिए कुछ जरुरी सामान दिए नजीरा ने कहा कि ये सामान उसके लिए ईदी है जो वह ताउम्र याद रखेगी।